विश्व के सबसे लंबे रेलवे प्लेटफार्म के बाद अब गोरखपुर के नाम एक और बड़ी उपलब्धि दर्ज हो गई है। दुनिया भर में जितने भी यूरिया खाद के कारखाने बने हैं उनमें हिन्दुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड (एचयूआरएल) द्वारा गोरखपुर में बनाए जा रहे खाद कारखाने का प्रिलिंग टॉवर सबसे ऊंचा है। इसके निर्माण से पहले 125 मीटर ऊंचाई के साथ पाकिस्तान के दहरकी शहर में एंग्रो फर्टिलाइजर्स लिमिटेड द्वारा बनाए गए खाद कारखाने का प्रिलिंग टॉवर विश्व का सबसे ऊंचा प्रिलिंग टॉवर था।
गोरखपुर में जापानी कंपनी द्वारा तैयार इस टॉवर की ऊंचाई 149.5 मीटर है। इसका व्यास 28 से 29 मीटर है। धनतेरस के एक दिन पहले ही यह बनकर तैयार हुआ। शुक्रवार को एचयूआरएल के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट वीके दीक्षित ने पत्रकारवार्ता के दौरान इस उपलब्धि को साझा करते हुए बताया कि गोरखपुर के यूरिया प्लांट के प्रिलिंग टॉवर की ऊंचाई दुनिया भर में अब तक के फर्टिलाइजर प्लांट के प्रिलिंग टॉवरों में सबसे अधिक है।
उन्होंने बताया कि एचयूआरएल द्वारा यह कारखाना करीब 7085 करोड़ की लागत से बनाया जा रहा है। गोरखपुर खाद कारखाना देश का सबसे बड़ा खाद कारखाना होगा। कारखाना नेचुरल गैस से संचालित होगा, इसके लिए गेल द्वारा वाराणसी से गोरखपुर खाद कारखाना तक गैस पाइपलाइन बिछाने का काम पूरा हो चुका है।
उन्होंने बताया कि गेल द्वारा बिछाई गई पाइप लाइन से आने वाली नेचुरल गैस और नाइट्रोजन के रिएक्शन से अमोनिया का लिक्विड तैयार किया जाएगा। अमोनिया के इस लिक्विड को प्रिलिंग टॉवर की 117 मीटर ऊंचाई से गिराया जाएगा। इसके लिए ऑटोमेटिक सिस्टम तैयार किया जा रहा है।